Not known Details About Shiv chaisa
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
राम जी के साथ जो हनुमान नहीं होते लिरिक्स व वीडियो ( राम जी के साथ…
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम
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वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम shiv chalisa in hindi अंग सोहत छवि Shiv chaisa न्यारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य more info कमल हैं जैसे॥